थोड़ा है थोड़े की जरूरत है...

वित्त वर्ष 2022-2023 के बजट से यह साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में विकास को चमत्कार के रूप में होते देख सकेंगे। आर्थिक सर्वेक्षण मे जीडीपी की वृद्धि दर को 9.2 प्रतिशत रखने का अनुमान है बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा की उनकी सरकार विकास और गरीबी की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।

बजट में सरकार ने जिन जिन योजनाओं,घोषणा और विकास की बात की है उससे लगता है कि सरकार मंदी से परेशान नहीं है। बल्कि सरकार दीर्घ अवधि के लिए सुधार की नीतियों पर चल निकली है। निर्मला सीतारमन ने बजट पेश करते वक्त कहा भी की आर्थिक सुधारों को जारी रखा जाएगा।सरकार मान कर चल रही है की आज का बोया बीज आगे चल कर फल देगा। इसलिए तात्कालिक सुधार के बजाए दीर्घावधि सुधार पर ज्यादा ध्यान दे रही है। लेकिन सवाल यह है की अर्थव्यवस्था को तुरंत रियायत देने के लिए, आम आदमी के जेब पर रियायत देने के लिए, रोजगार देने के लिए सरकार ने तुरंत कोई कदम नहीं उठाया है। अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए पिछले बजट में सरकार ने कॉर्पोरेट दर को कम किया था जिसका असर अभी तक दिखना भी शुरू नहीं हुआ है। देखना यह होगा की वर्तमान में पेश हुआ बजट तय लक्ष्यों को पाने में खरा उतर पाएगा।

इस बार के बजट में सरकार ने डिजिटलीकरण पर अधिक जोर दिया है सरकार भविष्य में आने वाले मशीनी युग को महसूस करने लगी है। अर्थव्ययवस्था के सभी क्षेत्रों को इससे जोड़ने पर जोर दिया गया है। डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने क लिए ब्लॉक चैन और अन्य तकनीकी यंत्रों की मदद से डिजिटल मुद्रा डिजिटल रुपया को 2022-2023 से आरबीआई द्वारा जारी किया जाएगा।

डिजिटल बैंकिंग को हर नागरिक तक पहुंचाने के उद्देश्य से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की शुरुआत होगी। वित्तीय समर्थन को प्रेरित करने क लिए डिजिटल पेमेंट इको सिस्टम की शुरुआत की जाएगी। अतिरिक्त कर आदाएगी के लिए अपग्रेडेड रिटर्न का प्रबंधन भी किया जाएगा। वित्तीय समावेशन की सुविधा के लिए इस साल 1.5 लाख डाकघरों मे से 100 प्रतिशत कोर बैंकिंग सिस्टम पर जोड़े जाएंगे।

किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाये प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की शुरुआत होगी। ज़ीरो बजट खेती, प्राकृतिक खेती और आधुनिक कृषि मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर अधिक जोर दिया जाएगा। किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए राज्यों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाएगा। समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकता है जिसमें रबी और खरीफ फसलों के लिए किसान शामिल है जिसके तहत 1000 एलएमटी धान की खरीद की उम्मीद है जिससे 1 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। 2.37 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण(डी.बी.टी.) के माध्यम से जोड़ जाएगा। कृषि संबंधित कार्य के लिए ड्रोन किसान पर जोर दिया जाएगा।

निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए वेन्चर कैप्टलिस्ट प्राइवेट इक्विटी के लिए समिति बनाई जाएगी। सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक साल में 25000 किलोमीटर के हाइवै बनाए जाएंगे। 100 सालों के लिए ढांचागत सुविधा बनाने पर जोर रहेगा। 2022-2023 तक 25000 रोड के निर्माण का लक्ष्य रखा जाएगा।

फसल मूल्यांकन भूमि रिकॉर्ड कीटनाशकों के छिड़काओं के लिए किसान ड्रोन के उपयोग से कृषि और कृषि क्षेत्र में प्रोद्योगिकी की लहर चलाने की उम्मीद है। वहीं रेल छोटे किसानों और उद्यमों के लिए लॉजिसटिक्स विकसित करेगा। वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया। रबी 2022-2023 में 163 लाख किसानों से 1208 मैट्रिक टन गेहूं और धान खरीद जाएगा।खेती और सिंचाई की सुविधा के लिए 44,605 करोड़ रुपये के केन-बेतवा लिंक कार्यान्वयन किसानों और स्थानीय आबादी की सुविधा प्रदान करने वाली 9 लाख हेक्टेयर से अधिक किसानों की भूमि के लिए सिंचाई प्रदान करने के लिए दिया जाएगा ।

शहरी और ग्रामीण विकास के लिए साल 2022-2023 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख घरों का निर्माण पूरा किया जाएगा। एक स्थान-एक उत्पाद की अवधारणा को बोल दिया जाएगा ताकि स्थानीय नवाचार को प्रोत्साहित किया जा सके। कनेक्टिविटी को जोर देने के लिए ग्रामीण और दूरदराज में सस्ते मोबाइल व ब्रॉड्बैन्ड के लिए इनोवैशन को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी गांवों में ऑप्टिकल फ़ाइबर बिछाने के लिए पीपीपी मॉडल के तहत ठेके दिए जाएंगे। वहीं शहरों में सरकारी वाहनों को ई-वाहनों से जोड़ा जाएगा। शहरी विकास के लिए राज्यों को अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाएगा। टियर-2 टियर-3 शहरों में अत्याधुनिक सुविधाओं की शुरुआत की जाएगी। कारोबार रोजगार के लिए डिजिटल स्किल को बढ़ावा दिया जाएगा, वाइब्रन्ट विलेज प्रोग्राम को सीमावर्ती गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।

सरकार ने ONE NATION ONE DESTINATION पर जोर देते हुए इस बजट में अगले 25 सालों का ब्लूप्रिन्ट तैयार कर दिया है।बजट मे आर्थिक रिकवरी को मजबूती देने के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाने पर विचार कर चुकी है। अर्थव्यवस्था अभी वी-शेप मे रिकवर कर रही है, रिकवरी को सुलभ बनाने के लिए सरकार अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों को इस बजट में शामिल करने का प्रयास कर रही है। महामारी से आघात पहुंचे, पर्यटक क्षेत्रों को मजबूत बनाए के लिए ई-पासपोर्ट सुविधा को शुरू करने की तैयारियां कर रही है।

सरकार खुद के प्रदर्शन को “पंचामृत” कटिबद्धता के साथ प्रभावी रूप में विकसित कर रही है। इस बजट से यह तो सिद्ध हो गया कि सरकार तात्कालिक नीतियों को प्रभावी बनाने की मंशा में नहीं है बल्कि सरकार दूरगामी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कमर कस रही है। आम लोगों के जीवन और व्यवसाय करने में सुविधा के लिए सरकार कहीं भी पंजीकरण के लिए “एक राष्ट्र एक पंजीकरण” की स्थापना करने के प्रयास में है। बजट आने के बाद उसकी प्रासंगिकता बाजारों से अछूती नहीं रही, बाजारों पर बजट का प्रभाव शुरुआत में ही दिखने लगा एक समय तो ऐसा आया जब सेंसेक्स 900 अंकों तक ऊपर चल गया लेकिन फिलहाल यह 848 अंकों की उछाल के साथ 58862.57 पर बंद हुआ। सरकार बजट पेश कर चुकी है, विकास की रफ्तार बताएगी कि बजट कितना प्रासंगिक और प्रभावी रहेगा।

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