भारत और पाकिस्तान का व्यापार समस्याओं और फायदे से जूझ रहा है। दोनों तरफ के लोगों को एक दूसरे के देशों में व्यापार करने से रोका जा रहा है। आने वाले समय में भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और निवेश फिर से होने की उम्मीद लगाई जा रही है। पाकिस्तान के लोग भारत से खरीदारी करना पसंद करते है और भारत के लोगों को जब भी मौका मिलता है वो भी समान खरीदने से पीछे नहीं हटते, खासकर कपड़े खरीदने के मामले में, ऐसे में भारत पाकिस्तान के व्यापार संबंध साफ्टा समझौता व्यापार नीतियों को आगे बढ़ाने में एक रास्ता हो सकता है।
भारत और पाकिस्तान के व्यापार फिर से चालू करना दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम हो सकता है, जिससे न केवल चीन का दबदबा समाप्त होगा बल्कि इस क्षेत्र में शांति स्थिरता भी देखने को मिलेगी। हाल ही में भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ विश्व की पाँचवी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए पच्चीस वर्षों तक लगातार करीब सात से आठ फीसद की दर से बढ़ना होगा। जिसके लिए भारत को अपने पड़ोसी देशों से संबंध अच्छे करने होंगे जो भारत को विश्व गुरु बनने में अग्रसर होंगे।
एक तरह की संस्कृति और स्वाद के बावजूद भी व्यापार कुछ उथला-उथला सा रहा है। सामान्य व्यापार में कमी हुई है और अनौपचारिक व्यापार में बढ़ोतरी देखी गई है। अनौपचारिक व्यापार 293 मिलियन डॉलर तक है जिसमे तस्करी के साथ-साथ एक तीसरा पक्ष भी है जो भारत से निकल कर दुबई जाता है फिर पाकिस्तान में दाखिल होता है। जिसका मतलब है कि दोनों देशों के लिए भी और तीसरे देश के लिए भी सरकारी खजाने का नुकसान होना। जो समान भारत से दूसरे देशों से होकर पाकिस्तान में पहुंचता है उसकी कीमत परिवहन करो के चलते दो गुनी हो जाती है। जिससे पाकिस्तानी उपभोक्ताओं को नुकसान होता है।
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