समाज में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका ने राष्ट्रों की स्थिरता, प्रगति और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित किया है| भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका रहीं है| यह अनुमान है की महिलाएं कुल सकल घरेलु उत्पाद में लगभग 17-18 प्रतिशत का योगदान करती है| इस साल के केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री ने कहा की बजट को मुख्य रूप से दो मुख्य क्षेत्रों को लाभान्वित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो महिला छात्र और किसान हैं|
2022-23 के बजट को अगले 25 साल का ब्लूप्रिंट बताते हुए, महिलाओं के लिए तिन मुख्य योजनाओं की घोषणा की गई:
1.मिशन शक्ति से महिलाएं सशक्त:- महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए 2022 के बजट में मिशन शक्ति के सुदृढ़ीकरण और विस्तार पर भी प्रकाश डाला| ये एक ऐसी परियोजना है जिसका उद्देश्य देश भर में लाखोँ महिलाओं के जीवन को सुधारना और उन्हें सशक्त बनाना है| मिशन शक्ति को सफल बनाने के लिए सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी, जिससे राष्ट्र निर्माण में मदद मिलेगी|
सशक्तिकरण एक बहुआयामी, बहुपक्षीय और बहुस्तरीय अवधारणा है| महिला सशक्तिकरण, मिशन शक्ति का ही पहला रूप है| यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें संसाधनों पर महिलाओं का अधिक नियंत्रण हो| महिलाएं अब हर तरह से अपनी योग्यता का अहसाह कर सके और अवसरों का लाभ उठाये|
2.सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 योजना:- इस योजना की मदद से शिशुओं के पोषण और उसकी डिलीवरी पर होने वाले खर्च को सरकार द्वारा वहन किया जाता है| सरकार ने इस योजना को इंटिग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विस(ICDS) की जगह शुरू किया है| बच्चों और महिलाओं को भोजन के साथ प्रे स्कूल एजुकेशन जैसी सुविधाए भी दी जाती है| इसके साथ में प्राइमरी हेल्थकेयर और समय- समय पर वैक्सीनेशन और हेल्थ चेकअप की सुविधाए भी मिलती है|
2 लाख आंगनबाड़ी को विकसित किया जा रहा है: वित्त मंत्री ने कहा की सक्षम आंगनबाड़ी में पहले से ज्यादा बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑडियो विजुअल एड्स, क्लीन एजर्सी जैसी सुविधाए दी जा रही हैं|
2017-18 या 2021-22 के बजट को देखे तो पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों(0-6), किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण स्थिथि में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया पर उन्हें आज तक सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं किया गया| इस साल की पोषण योजना से ये उम्मीद है की यह सुचारू रूप से अपना लक्ष्य पाए|
3.मिशन वात्सल्य योजना:- मिशन वात्सल्य में वित्त मंत्री द्वारा कहा गया की महिलाओं की दैनिक जरूरतों के सामान में राहत मिलेगी| इसके अंतर्गत कपड़ा, चमड़े का सामान और हीरे की ज्वेलरी सस्ती होगी| इतना ही नहीं मोबाइल फोन व चार्जर भी सस्ता होगा| पोलिस हीरे पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है|
बढ़ती महंगाई और महिलाओं पर घर के बजट का बोझ को देखते हुए शायद यह कदम उठाया गया| जिससे महिलाओं को कुछ राहत मिलेगी क्यूंकि हर महिला को अपने घर का बजट संतुलन बनाना एक सिरदर्द साबित होता है, खासकर महंगाई के बढ़ने से यह स्थिति हमे अक्सर देखने को मिलती है|
मंगलवार 1 फरवरी को पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया जिसमें महिलाओं के लिए इस साल के बजट में इन तिन बातो पर ध्यान रहा| लेकिन क्या महिलाओं को लेकर यह तिन योजनाए ही पर्याप्त है| महामारी के दौरान और पिछले कुछ वर्षोँ में हमने देखा की महिलाओं के लिए तमाम सुरक्षा कानून होने के बाबजूद भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है, तो ऐसे में महिलाओं और बलिकाओ के प्रति बस इन तिन बिन्दुओ पर ही सरकार को फोकस करना चाहिए या महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और व्यवसाय से संभंधित और विशेष प्रावधान किए जाने की जरूरत है| भारत के समाज में महिलाओं की भूमिका जन्म से लेकर मृत्यु तक बहुत ही अहम होती है| महिलाओं का किरदार समाज में मुख्य होता है| महिलाएं हर कार्य में पुरुष से आगे निपुणता दर्शाती है| फिर भी उससे पुरुष से कम अवसर मिलते है| ऐसे में सरकार से अपेक्षा है की वह इन कानूनों के साथ महिलाओं के अस्तित्व को समाज में निखारने के लिए और अधिक कानून लाएगी और उसे अपने उदेश्य तक पहुचाएगी|
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